राजस्थान में यहां 8.75KM लंबी पानी की सुरंग बनकर हुई तैयार, 637 गांवों को मिलेगा पीने का पानी Water Tunnel

Water Tunnel: राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र के तीन प्रमुख जिले झालावाड़, बारां और कोटा अब सिंचाई और पेयजल संकट से जल्द ही राहत की ओर बढ़ रहे हैं. ईआरपीसी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) के अंतर्गत परवन वृहद बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना का काम तेज रफ्तार से चल रहा है. इस परियोजना के अंतर्गत अकावदकलां गांव में परवन नदी पर बनाया जा रहा बांध लगभग तैयार हो चुका है. वहीं इस बांध से जुड़ी देश की सबसे बड़ी जल सुरंग (वाटर टनल) भी अब बनकर पूरी तरह तैयार हो गई है.

परवन नदी पर बन रहा है 38 मीटर ऊंचा बांध

परवन बांध की ऊंचाई 38 मीटर है और इसमें 490 मिलियन घन मीटर पानी संचित करने की क्षमता होगी. फिलहाल बांध के सभी गेट्स का कार्य अंतिम चरण में है. जल संसाधन विभाग के अनुसार, बांध में 21 ब्लॉक, 15 ओवरफ्लो सेक्शन और 6 नॉन-ओवरफ्लो सेक्शन का सीमेंट कंक्रीट कार्य पूरा हो चुका है. साथ ही गैलरी निर्माण भी पूर्ण हो गया है. अब तक 10 गेट लगाए जा चुके हैं. जबकि शेष गेट का कार्य भी अगले दो सप्ताह में पूरा होने की संभावना है.

देश की सबसे बड़ी वाटर टनल बनकर तैयार

इस परियोजना का सबसे खास और ऐतिहासिक हिस्सा है. 8.75 किलोमीटर लंबी वाटर टनल, जो कि देश की सबसे लंबी सिंचाई टनल मानी जा रही है. इस सुरंग के जरिए दाईं मुख्य नहर निकलेगी. जिससे बारां जिले के लगभग 90 किलोमीटर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी.

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637 गांवों को मिलेगा सिंचाई का लाभ

परवन सिंचाई परियोजना से कुल 2.02 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी. यह कार्य पूरी तरह से SCADA नियंत्रित प्रेशराइज्ड पाइपिंग सिस्टम से किया जाएगा. जिससे फव्वारा पद्धति से खेतों में पानी पहुंचेगा. यह तकनीक पानी की बर्बादी को रोकने के साथ-साथ सिंचाई को अधिक प्रभावी बनाएगी.

पेयजल और बिजली उत्पादन की भी व्यवस्था

इस परियोजना से 1821 गांवों में पेयजल आपूर्ति, बिजली उत्पादन और वन्यजीव संरक्षण के लिए जल प्रबंधन भी सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए बांध क्षेत्र में 61 डिग्गियां बनाई जा रही हैं. जिनमें से 19 बाईं ओर 33 दाईं ओर और 9 डिग्गियां शेरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में स्थापित की जाएंगी. ये डिग्गियां जल संरक्षण में अहम भूमिका निभाएंगी.

डिग्गियों के जरिए खेतों तक पहुंचेगा पानी

डिग्गियों से खेतों तक पाइपलाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा.

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  • खानपुर क्षेत्र में 38 किमी में 12 डिग्गियां
  • सांगोद क्षेत्र में 14 किमी में 7 डिग्गियां बनाई जा रही हैं.

इन डिग्गियों से 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में पाइपलाइन के जरिए सिंचाई होगी. प्रथम चरण में खानपुर तहसील के 81 गांव और सांगोद के 48 गांवों में कुल 43,159 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा से जोड़ा जाएगा.

भविष्य में अन्य नहर परियोजनाओं से जुड़ाव की योजना

दाईं मुख्य नहर से सारोला कलां के खाळ से खरंड नदी में और द्वितीय चरण में फुंगाहेड़ी गांव से उजाड़ नदी में पानी छोड़ा जाएगा. इसके अलावा इस परियोजना को देवली, डांडिया, धुलेट, हरिश्चंद्र सागर नहर और भीमसागर नहरों से जोड़ा जाएगा. जिससे लगभग 45,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई का लाभ मिल सकेगा.

मुख्यमंत्री के संभावित निरीक्षण को लेकर तैयारियां शुरू

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा 25 या 26 अप्रैल को परवन बांध और जल सुरंग का निरीक्षण करने की संभावना है. इसी को ध्यान में रखते हुए झालावाड़ और बारां जिला प्रशासन, साथ ही सिंचाई विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं. यह दौरा न केवल परियोजना की प्रगति का मूल्यांकन करेगा बल्कि इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभावों की दिशा भी तय करेगा.

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92 प्रतिशत तक हो चुका है बांध निर्माण कार्य

जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता अजित जैन के अनुसार “परवन बांध का निर्माण कार्य अब 92 प्रतिशत पूरा हो चुका है. 10 गेट लगाए जा चुके हैं और बाकी के गेट्स के फ्रेम इंस्टॉलेशन का कार्य जारी है. जिसे अगले 14 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा.”

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