Amul Milk Price Hike: दूध और डेयरी उत्पादों की अग्रणी कंपनी अमूल (Amul) ने 1 मई 2025 से अपने दूध उत्पादों की कीमतों में ₹2 प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की है. यह बदलाव देशभर में एक साथ लागू किया गया है, जिससे हर ग्राहक पर सीधा असर पड़ा है. कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि जून 2024 के बाद से यह पहली बार है जब दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है.
पिछले साल दी थी उपभोक्ताओं को राहत
अमूल ने पिछले साल ग्राहकों को राहत देने के लिए लगभग पांच महीनों तक 1 लीटर और 2 लीटर के पैक पर क्रमश: 50ML और 100ML अतिरिक्त दूध मुफ्त दिया था. इसके अलावा, जनवरी 2025 में कंपनी ने 1 लीटर दूध के पैक की कीमत ₹1 कम भी की थी. जिससे लाखों ग्राहकों को फायदा मिला था.
क्यों बढ़े अमूल दूध के दाम?
कंपनी ने कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बताते हुए कहा कि 36 लाख से ज्यादा दूध उत्पादकों की इनपुट लागत में भारी इजाफा हुआ है. अमूल की सदस्य यूनियनों ने भी बीते वर्ष किसानों को बेहतर दूध मूल्य देना शुरू किया है. अमूल के मुताबिक उपभोक्ताओं से मिलने वाली राशि का लगभग 80% हिस्सा सीधे किसानों को लौटाया जाता है. ताकि उन्हें दूध उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा सके.
जानिए किस दूध पैक के कितने बढ़े दाम
नए रेट के अनुसार अमूल के प्रमुख दूध वैरायटी की कीमतें इस प्रकार हैं:
- अमूल स्टैंडर्ड दूध (500ML): ₹30 से ₹31
- अमूल बफैलो दूध (500ML): ₹36 से ₹37
- अमूल गोल्ड दूध (500ML): ₹33 से ₹34
- अमूल गोल्ड दूध (1 लीटर): ₹65 से ₹67
- अमूल स्लिम एंड ट्रिम दूध (500ML): ₹24 से ₹25
- अमूल चाय स्पेशल दूध (500ML): ₹31 से ₹32
- अमूल फ्रेश दूध (500ML): ₹27 से ₹28
- अमूल ताज़ा दूध (1 लीटर): ₹53 से ₹55
हर पैक पर 1 से 2 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जिससे रोजाना दूध का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की मासिक लागत में इजाफा तय है.
बढ़ी कीमतों के बावजूद बढ़ा कंपनी का कारोबार
कीमतें बढ़ाने के बावजूद अमूल के कारोबार में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2025 में कुल कारोबार ₹66,000 करोड़ को पार कर गया है. इसके अलावा अमूल को आइसक्रीम सेगमेंट में भी दोहरे अंकों की वृद्धि का अनुमान है, जो आने वाले महीनों में उसके रेवेन्यू को और मजबूत कर सकता है.
मदर डेयरी ने भी बढ़ाए थे दूध के दाम
अमूल से एक दिन पहले ही मदर डेयरी ने भी दूध की कीमतों में ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी. 30 अप्रैल 2025 से लागू नई दरों में कंपनी ने गर्मियों में लागत बढ़ने को प्रमुख कारण बताया था. ऐसे में लगातार दोनों प्रमुख कंपनियों द्वारा की गई मूल्य वृद्धि आम उपभोक्ता के लिए चिंता का विषय बन गई है.
आम आदमी की जेब पर असर, बजट में बढ़ोतरी
दूध जैसे आवश्यक उपभोक्ता उत्पाद में लगातार हो रही कीमतों की वृद्धि से मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग पर सीधा असर पड़ रहा है. जिन परिवारों में दूध की दैनिक खपत ज्यादा है. उनकी मासिक बजट योजना प्रभावित हो सकती है. खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों की जरूरतों के कारण दूध का विकल्प निकालना आसान नहीं होता.
क्या आगे और बढ़ सकते हैं दाम?
अगर किसानों की इनपुट लागत में वृद्धि का ट्रेंड जारी रहा, तो भविष्य में दूध की कीमतें और बढ़ सकती हैं. कंपनियां समय-समय पर लागत और सप्लाई के आधार पर मूल्य संशोधन करती हैं. फिलहाल सरकार की ओर से कोई मूल्य नियंत्रण की नीति नहीं आई है. जिससे उपभोक्ताओं को राहत की संभावना कम ही दिख रही है.