Voter ID Passport: केंद्र सरकार ने अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने के लिए नागरिकता प्रमाणन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब से भारतीय नागरिकता का प्रमाण सिर्फ वोटर ID कार्ड और पासपोर्ट को माना जाएगा। आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज अब नागरिकता साबित करने के लिए मान्य नहीं होंगे।
फर्जी दस्तावेजों के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में चले वेरिफिकेशन ड्राइव के दौरान यह बात सामने आई कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों ने फर्जी आधार, पैन और राशन कार्ड हासिल कर लिए हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर वे भारतीय नागरिकता का झूठा दावा कर रहे थे। इसी को देखते हुए गृह मंत्रालय ने यह अहम कदम उठाया है।
नागरिकता सिद्ध करने के लिए आधार और पैन अब नहीं होंगे मान्य
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड को नागरिकता के प्रमाण के तौर पर मान्यता नहीं दी जाएगी। हालांकि ये दस्तावेज पहचान के दस्तावेज माने जाते रहेंगे, लेकिन इनसे अब भारतीय नागरिक होने की पुष्टि नहीं मानी जाएगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय
अधिकारियों के अनुसार यह निर्णय देश की सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर लिया गया है। अवैध घुसपैठियों की पहचान करना और उन्हें रोकना अब प्राथमिकता बन गई है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग रोकने के लिए यह बदलाव जरूरी माना गया है।
सरकारी योजनाओं और नौकरियों में सिर्फ वैध नागरिक को मिलेगा लाभ
अब से सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरियों, और संवेदनशील प्रक्रियाओं में केवल वोटर ID और पासपोर्ट को ही नागरिकता का प्रमाण माना जाएगा। यह बदलाव उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अब तक आधार या पैन कार्ड को नागरिकता प्रमाण मानते रहे हैं।
सरकार ने नागरिकों से की ये अपील
सरकार ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अपने वोटर ID और पासपोर्ट को अपडेट और सुरक्षित रखें। आने वाले समय में इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता संबंधी सेवाएं और हक मिलेंगे।
केंद्र की रणनीति नागरिक और घुसपैठिए में फर्क जरूरी
यह कदम न सिर्फ असली नागरिकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि इससे घुसपैठियों को चिन्हित करने और उन्हें देश की संवेदनशील संरचनाओं से दूर रखने में मदद मिलेगी।