Indian Railways Facts: भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक है. जो हर दिन लाखों यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम करती है. इतने बड़े स्तर पर संचालन के लिए रेलवे को सख्त नियम और कानून बनाने पड़ते हैं. ताकि यात्री सुरक्षा से समझौता न हो और सफर सुविधाजनक बना रहे.
ट्रेन से यात्रा करते समय यात्रियों को कई छोटे-बड़े नियमों का पालन करना होता है. जैसे – सीट आरक्षण, लगेज की सीमा, प्लेटफॉर्म पर व्यवहार और यहां तक कि कौन-सी चीजें साथ ले जा सकते हैं और कौन-सी नहीं. लेकिन इनमें से कुछ नियम इतने अनोखे होते हैं कि लोगों को यकीन ही नहीं होता कि वो वाकई लागू हैं.
क्या सच में सूखा नारियल ट्रेन में ले जाना मना है?
जी हां यह बिल्कुल सच है. भारतीय रेलवे की नियमावली के अनुसार सूखा नारियल (Dry Coconut) या साबुत नारियल जिसे लोग अक्सर पूजा-पाठ या यात्रा में शुभ वस्तु मानते हैं. उसे ट्रेन में साथ ले जाना वर्जित है.
इस नियम को सुनकर भले ही आप चौंक जाएं. लेकिन इसके पीछे रेलवे के पास स्पष्ट और वैज्ञानिक कारण हैं. रेलवे का मानना है कि यह फल एक खास परिस्थिति में ज्वलनशील (Inflammable) बन सकता है और इससे आग लगने या धमाके जैसी घटनाएं हो सकती हैं.
क्यों होता है सूखा नारियल खतरे का कारण?
सूखा नारियल जब बहुत ज्यादा समय तक रखा जाता है या नमी वाले स्थान पर रखा जाता है, तो उसमें फफूंद (fungus) लग जाती है और उसमें मीथेन गैस बनने की संभावना बढ़ जाती है. मीथेन एक ज्वलनशील गैस है और अगर यह किसी बंद डिब्बे में इकट्ठा हो जाए, तो आग लगने का खतरा हो सकता है.
ट्रेन के डिब्बे अक्सर बंद रहते हैं और यात्रियों द्वारा लाए गए ऐसे सूखे नारियल. जिनमें पहले से गैस बन चुकी हो, वो यदि फूट जाएं या फर्श पर गिर जाएं, तो स्पार्क या किसी भी चिंगारी से धमाके की स्थिति बन सकती है. यही कारण है कि रेलवे ने इसे प्रतिबंधित किया है.
वेंडर्स को भी नहीं है इसकी अनुमति
यह सिर्फ यात्रियों तक ही सीमित नहीं है. रेलवे प्लेटफॉर्म या ट्रेन में चलने वाले वेंडर्स को भी सूखा नारियल बेचने की अनुमति नहीं होती. हां कई बार वेंडर्स छिलका हटाकर अंदर का हिस्सा बेचते नजर आते हैं. क्योंकि छिलका सबसे ज्यादा ज्वलनशील होता है.
रेलवे अधिकारियों की सख्ती के चलते आजकल रेलवेकर्मी निरीक्षण के दौरान यात्रियों के सामान की जांच करते हैं. ताकि कोई भी ऐसा प्रतिबंधित सामान ट्रेन में न लाया जाए जो यात्रा को जोखिम में डाल सके.
किन-किन चीज़ों पर है रेलवे में पाबंदी?
भारतीय रेलवे ने यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई वस्तुओं को ट्रेन में ले जाने पर रोक लगाई है. इनमें कुछ आम और कुछ अजीब लगने वाले आइटम भी शामिल हैं:
- सिलेंडर या गैस स्टोव
- आग्नेयास्त्र (हथियार)
- पेट्रोल, डीजल, केरोसिन या अन्य ज्वलनशील पदार्थ
- पटाखे और फायरक्रैकर्स
- पालतू जानवर (कुछ विशेष नियमों के साथ ही अनुमति होती है)
- सूखा और साबुत नारियल
इनमें से अधिकतर आइटम या तो आग लगने का खतरा पैदा करते हैं या फिर ट्रेन में यात्रा करने वाले अन्य लोगों को असुविधा में डाल सकते हैं.
सूखा नारियल ले जाने पर क्या हो सकती है कार्रवाई?
अगर कोई यात्री ट्रेन में सूखा नारियल लेकर चढ़ता है और यह रेलवे की चेकिंग के दौरान पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम 1989 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इसमें यात्री से जुर्माना वसूलने के साथ-साथ वस्तु को जब्त करने का अधिकार भी रेलवे अधिकारियों को होता है.
गंभीर मामलों में यात्री को ट्रेन से उतारा भी जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है.
धार्मिक भावनाएं बनाम सुरक्षा – रेलवे का संतुलन
भारत जैसे देश में नारियल को एक धार्मिक प्रतीक माना जाता है. कई लोग इसे पूजा-पाठ के लिए लेकर चलते हैं या यात्राएं शुरू करने से पहले फोड़ते हैं. लेकिन जब बात सार्वजनिक सुरक्षा की आती है, तो रेलवे को मजबूरन नियम कड़े करने पड़ते हैं.
रेलवे यह भी स्पष्ट करता है कि यदि आप नारियल का टुकड़ा किया हुआ हिस्सा यानी सिर्फ अंदर का सफेद गूदा लेकर चलते हैं, तो वो प्रतिबंधित नहीं है. समस्या सिर्फ सूखे और साबुत नारियल से है, क्योंकि वही ज्वलनशील होते हैं.