RTE School Admission: राइट टू एजुकेशन (RTE) अधिनियम के तहत देशभर में बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इस कानून के तहत, राज्य की मान्यता प्राप्त सभी निजी स्कूलों को अपनी पहली कक्षा की कुल सीटों में से 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और वंचित वर्ग (DG) के बच्चों के लिए आरक्षित करनी होती हैं। गुजरात सरकार इस आरक्षण के अंतर्गत चयनित बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाती है, ताकि शिक्षा हर वर्ग के बच्चे तक पहुंचे और सभी को समान अवसर मिल सके।
गुजरात में RTE के पहले चरण में 86,274 बच्चों को मिला दाखिला
शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए गुजरात में RTE कानून के तहत प्रवेश प्रक्रिया के पहले चरण में बड़ी सफलता मिली है।
- राज्य के 9,741 निजी स्कूलों में 93,860 सीटें आरक्षित थीं।
- इनमें से पहले चरण में 86,274 बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला मिल चुका है।
- इन दाखिलों से हजारों परिवारों के सपनों को नई उड़ान मिली है।
यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेज सत्यापन के बाद संपन्न हुई।
कितने छात्रों ने किया था आवेदन और कितने हुए स्वीकृत ?
इस वर्ष राज्यभर से RTE के तहत 2,38,916 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे।
- दस्तावेजों की जांच के बाद 1,75,685 आवेदन स्वीकृत किए गए।
- 13,761 आवेदन गलत या अधूरे दस्तावेजों के कारण रद्द कर दिए गए।
- वहीं 49,470 आवेदन अभिभावकों ने खुद रद्द कर दिए।
आवेदन प्रक्रिया के दौरान यह भी ध्यान रखा गया कि बच्चे के घर से 6 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों को ही प्राथमिकता दी जाए।
पहले चरण में खाली रह गईं 7,586 सीटें
हालांकि पहले चरण में 86,274 बच्चों को दाखिला मिला, फिर भी 7,586 सीटें खाली रह गईं।
- इन सीटों को अभिभावकों द्वारा प्राथमिकता नहीं दिए जाने के कारण भरा नहीं जा सका।
- अब ये सीटें अगले चरण में भरी जाएंगी।
सरकार जल्द ही दूसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने जा रही है, जिसकी सूचना आधिकारिक वेबसाइट पर दी जाएगी।
दाखिले की पुष्टि की अंतिम तिथि 8 मई
पहले चरण में चयनित बच्चों के अभिभावकों को SMS के जरिए सूचना भेज दी गई है।
- अभिभावकों को 8 मई, गुरुवार तक संबंधित स्कूल में सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ जाकर बच्चे का प्रवेश सुनिश्चित करना होगा।
- समय पर प्रवेश न कराने की स्थिति में आवंटित सीट रद्द हो सकती है।
इसलिए सभी अभिभावकों को सलाह दी गई है कि समय रहते सभी दस्तावेज तैयार रखें और प्रक्रिया पूरी करें।
गुजरात के कितने और किस माध्यम के स्कूलों में हुआ है प्रवेश ?
गुजरात के कुल 9,741 निजी स्कूलों में विभिन्न भाषाओं में शिक्षा दी जाती है। आंकड़े इस प्रकार हैं:
- गुजराती माध्यम: 5,725 स्कूल
- अंग्रेजी माध्यम: 3,553 स्कूल
- हिंदी माध्यम: 408 स्कूल
- मराठी माध्यम: 35 स्कूल
- उड़िया माध्यम: 13 स्कूल
- उर्दू माध्यम: 7 स्कूल
इन विभिन्न माध्यमों के स्कूलों में बच्चों को उनकी पसंद और सुविधा के अनुसार दाखिला दिया गया है।
किन श्रेणियों के बच्चों को दी गई प्राथमिकता ?
RTE के तहत जिन बच्चों को पहले चरण में विशेष प्राथमिकता दी गई, वे इस प्रकार हैं:
- सरकारी आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे (32,267 विद्यार्थी)
- अनाथ एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे
- प्रवासी मजदूरों के बच्चे
- शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चे
- शहीद सैनिकों के बच्चे
- एकमात्र बेटी वाले परिवारों के बच्चे
- BPL कार्डधारी, SC/ST, SEBC, OBC और सामान्य वर्ग के पात्र बच्चे
इस तरह समाज के सबसे जरूरतमंद तबकों तक शिक्षा का अवसर पहुँचाया गया है।
आगे की प्रक्रिया क्या होगी ?
पहले चरण के बाद खाली बची सीटों के लिए दूसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
- जिन अभिभावकों को पहले चरण में सीट नहीं मिली, वे अगले चरण में पुनः आवेदन कर सकेंगे।
- सभी अपडेट और सूचनाएं RTE Gujarat की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जाएंगी।
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि आरक्षित सभी सीटों को योग्य और जरूरतमंद बच्चों से भर दिया जाए ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे।
RTE के जरिए शिक्षा का उजाला हर घर तक पहुंचाने की दिशा में एक और कदम
गुजरात में RTE प्रवेश प्रक्रिया का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा होना राज्य सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- हजारों गरीब और वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिला है।
- पारदर्शी प्रक्रिया ने जनता का भरोसा भी मजबूत किया है।
- आने वाले चरणों में और भी बच्चों को लाभ मिलेगा।
शिक्षा ही किसी भी समाज के विकास की असली कुंजी है, और RTE जैसे कानून इसे हकीकत में बदलने की दिशा में मजबूत कदम हैं।