New Districts List: हरियाणा में जल्द ही बड़ा प्रशासनिक बदलाव होने जा रहा है. राज्य सरकार 5 नए जिलों के गठन की ओर तेजी से बढ़ रही है. कैबिनेट की सब-कमेटी ने इन प्रस्तावित जिलों को हरी झंडी दे दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि अगले हफ्ते अंतिम बैठक के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.
वर्तमान में हरियाणा के पास 22 जिले
वर्तमान समय में हरियाणा राज्य में कुल 22 जिले हैं. जनसंख्या और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, अब राज्य सरकार ने नए जिले बनाने की प्रक्रिया को गति दी है.
इन पांच शहरों को बनाया जा सकता है नया जिला
सूत्रों के अनुसार, जिन पांच इलाकों को नए जिले का दर्जा मिलने की संभावना है, वे निम्नलिखित हैं:
- हांसी (हिसार जिले से अलग)
- डबवाली (सिरसा जिले से अलग)
- असंध (करनाल जिले से अलग)
- सफीदों (जींद जिले से अलग)
- गोहाना (सोनीपत जिले से अलग)
हांसी और डबवाली को पहले से ही पुलिस जिले का दर्जा दिया जा चुका है, जो यह संकेत देता है कि इन्हें प्रशासनिक जिले बनाने की दिशा में सरकार पहले ही काफी आगे बढ़ चुकी है.
मानेसर को जिला बनाने की मांग भी मजबूत
गुरुग्राम का मानेसर क्षेत्र भी लंबे समय से जिले की मांग कर रहा है. सब-कमेटी के अनुसार मानेसर से जुड़े दस्तावेज अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं, इसलिए इस पर निर्णय अगली बैठक में लिया जाएगा.
तहसीलों और सब-डिवीजन को लेकर भी होगी चर्चा
केवल जिले ही नहीं, नई तहसीलों, सब-डिवीजन और डिवीजन के गठन को लेकर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है. यह प्रशासनिक ढांचे को और अधिक मजबूत और स्थानीय नागरिकों के लिए सुविधाजनक बनाने का प्रयास है.
सरकार जल्द ले सकती है अंतिम निर्णय
हरियाणा के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगले सप्ताह तक रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि नए जिलों के गठन को लेकर लगभग सारा काम पूरा हो चुका है और कैबिनेट के सामने इसे अंतिम मुहर के लिए रखा जाएगा.
जनता को क्या मिलेगा फायदा?
- नए जिले बनने से निम्नलिखित लाभ जनता को मिल सकते हैं:
- प्रशासनिक कामकाज अधिक तेज और स्थानीय स्तर पर संभव हो पाएगा.
- लोगों को अपने दस्तावेज़, जमीन, प्रमाण पत्र और सरकारी योजनाओं से संबंधित कार्यों के लिए जिला मुख्यालय तक लंबी दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी.
- स्थानीय विकास को रफ्तार मिलेगी, क्योंकि जिला स्तर की योजनाएं सीधे उस क्षेत्र पर फोकस कर सकेंगी.
- रोजगार के नए अवसर भी बन सकते हैं क्योंकि नई सरकारी दफ्तरों की आवश्यकता होगी.
वित्तीय और प्रशासनिक चुनौतियां भी रहेंगी
हालांकि नए जिले बनाने के फैसले के साथ बजटीय खर्च, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, अधिकारियों की तैनाती और नए भवनों का निर्माण जैसी कई चुनौतियां भी सामने आएंगी. लेकिन राज्य सरकार का मानना है कि यह लंबे समय तक निवेश होगा जो आने वाले समय में राज्य की प्रशासनिक दक्षता और सुशासन को बेहतर बनाएगा.