Delhi Electric Buses: दिल्ली की सड़कों पर जल्दी ही 330 नई एसी इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी। सरकार ने दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटीग्रेशन (DEVI) योजना के तहत इस पहल को आगे बढ़ाया है, जिसका मुख्य उद्देश्य राजधानी में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को सुधारना और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देना है। पहले यह योजना 22 अप्रैल को शुरू होने वाली थी, लेकिन पोप फ्रांसिस के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित होने के कारण इसकी शुरुआत को टाल दिया गया। अब यह योजना 2 मई 2025 से लागू होगी।
कितनी और कैसी बसें उतरेंगी सड़कों पर ?
डीईवीआई योजना के तहत दिल्ली की सड़कों पर दो प्रकार की नई इलेक्ट्रिक बसें उतारी जाएंगी:
- 9 मीटर लंबी मिनी इलेक्ट्रिक बसें: कुल 250 बसें।
- 12 मीटर लंबी स्टैंडर्ड इलेक्ट्रिक बसें: कुल 80 बसें।
इस तरह कुल 330 एसी इलेक्ट्रिक बसें दिल्लीवासियों की सुविधा के लिए उपलब्ध होंगी। इन बसों से यात्रियों को न केवल एक आरामदायक सफर मिलेगा, बल्कि वायु प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी।
क्यों जरूरी है इलेक्ट्रिक बसों का विस्तार ?
दिल्ली जैसे बड़े महानगर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। ऐसे में इलेक्ट्रिक बसें कई मायनों में जरूरी हैं:
- शून्य उत्सर्जन (Zero Emission): इलेक्ट्रिक बसें धुआं नहीं छोड़तीं, जिससे वायु प्रदूषण घटता है।
- कम आवाज प्रदूषण: ये बसें बहुत कम आवाज करती हैं, जिससे शहरी शोर भी घटता है।
- कम परिचालन लागत: डीजल या सीएनजी बसों की तुलना में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन सस्ता पड़ता है।
- स्मार्ट शहरों के लिए जरूरी: दिल्ली को स्मार्ट सिटी बनाने के मिशन में इलेक्ट्रिक परिवहन एक अहम भूमिका निभाएगा।
लास्ट माइल कनेक्टिविटी में आएगा सुधार
डीईवीआई योजना का एक मुख्य उद्देश्य दिल्ली के लोगों को बेहतर लास्ट माइल कनेक्टिविटी देना है।
- मेट्रो स्टेशनों से कॉलोनियों तक, छोटे मार्गों पर इन मिनी बसों का संचालन किया जाएगा।
- इससे लोगों को घर से मेट्रो या बस अड्डे तक जाने में आसानी होगी।
- साथ ही, ऑटो और टैक्सी जैसे निजी साधनों पर निर्भरता भी घटेगी।
यह योजना खासतौर पर उन इलाकों के लिए फायदेमंद होगी जहां बड़ी बसें नहीं जा सकतीं।
डीईवीआई योजना के तहत बसों की खासियतें
नई लॉन्च की जाने वाली इलेक्ट्रिक बसों में यात्रियों की सुविधा का खास ध्यान रखा गया है:
- सभी बसें फुली एयर कंडीशंड (AC) होंगी।
- बसों में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस ट्रैकिंग और पैनिक बटन जैसी सुरक्षा सुविधाएं होंगी।
- दिव्यांगजनों के लिए बसों में रैम्प की सुविधा उपलब्ध होगी।
- बसें फास्ट चार्जिंग तकनीक से लैस होंगी, जिससे ऑपरेशन में रुकावट नहीं आएगी।
- टिकटिंग प्रणाली को भी स्मार्ट कार्ड और डिजिटल पेमेंट के अनुकूल बनाया जाएगा।
दिल्ली सरकार का परिवहन के क्षेत्र में बड़ा कदम
दिल्ली सरकार पिछले कुछ वर्षों से सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है।
- पहले से ही दिल्ली में सैकड़ों इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और अब डीईवीआई योजना — ये सभी प्रयास दिल्ली को एक स्वच्छ और हरित शहर बनाने की दिशा में हैं।
- सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में दिल्ली में 80% से अधिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट इलेक्ट्रिक हो।
क्यों है इलेक्ट्रिक बसों का सफर यात्रियों के लिए बेहतर ?
यात्रियों के लिए इलेक्ट्रिक बसें कई फायदे लेकर आती हैं:
- गर्मी में आरामदायक एसी सुविधा।
- कम किराया और किफायती सफर।
- पर्यावरण के प्रति योगदान देने का सुकून।
- सुरक्षित और तकनीक से लैस यात्रा का अनुभव।
इसके अलावा, समय पर बसों का संचालन और बेहतर रूट कनेक्टिविटी यात्रियों का यात्रा अनुभव और भी शानदार बनाएगी।
भविष्य की योजना और बढ़ेगी इलेक्ट्रिक बसों की संख्या
दिल्ली सरकार ने संकेत दिया है कि डीईवीआई योजना की सफलता के बाद और भी इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया जाएगा।
- आने वाले 2-3 सालों में दिल्ली की सड़कों पर 5000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने की योजना है।
- हर नए क्षेत्र, कॉलोनी और मेट्रो कनेक्टिविटी को जोड़ने के लिए अलग-अलग रूट तय किए जाएंगे।
- चार्जिंग स्टेशनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि बसों के संचालन में कोई रुकावट न आए।
दिल्ली को हरित राजधानी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम
डीईवीआई योजना के तहत 2 मई से 330 नई एसी इलेक्ट्रिक बसों का दिल्ली की सड़कों पर उतरना, एक बड़ी शुरुआत है।
यह न केवल परिवहन व्यवस्था को अधिक सरल और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि प्रदूषण कम कर दिल्ली को एक स्वच्छ, स्मार्ट और टिकाऊ शहर बनाने में भी मदद करेगा।
आने वाले समय में जब और अधिक इलेक्ट्रिक बसें दिल्लीवासियों के सफर का हिस्सा बनेंगी, तब इसका सकारात्मक प्रभाव हर नागरिक की जिंदगी पर साफ दिखाई देगा।