Haryana Jobs: हरियाणा के हिसार जिले में हाल ही में शुरू हुए महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट ने जहां एक ओर प्रदेश को हवाई यातायात से जोड़ा वहीं अब एयरपोर्ट के आसपास का क्षेत्र जल्द ही उद्योगों का हब बनने जा रहा है. सरकार ने एयरपोर्ट के नजदीक करीब 3000 एकड़ भूमि में इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) स्थापित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं.
4680 करोड़ की लागत से बनेगा अत्याधुनिक क्लस्टर
इस बड़े प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 4680 करोड़ रुपये बताई गई है. जिसे हरियाणा सरकार और नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NICDC) मिलकर विकसित करेंगे. इस इंडस्ट्रियल क्लस्टर का उद्देश्य प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देना और निवेशकों को आकर्षित करना है.
अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में हिसार की सबसे बड़ी भूमिका
हिसार का यह प्रोजेक्ट अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (AKIC) के तहत आने वाले छह प्रमुख औद्योगिक शहरों में से एक होगा. खास बात यह है कि इन छह शहरों में हिसार का इंडस्ट्रियल क्लस्टर सबसे बड़ा और प्रभावशाली प्रोजेक्ट होगा. जिससे प्रदेश को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी औद्योगिक पहचान मिलेगी.
दो चरणों में होगा विकास, मिलेगा बड़ा निवेश और रोजगार
बैठक में यह तय किया गया कि IMC को दो चरणों में विकसित किया जाएगा. परियोजना से जुड़े प्रमुख बिंदु:
- इस परियोजना से लगभग 32,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है.
- इससे 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
- क्लस्टर में सड़कें, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, ड्रेनेज सिस्टम, बिजली और हाईटेक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी.
इससे स्पष्ट है कि हिसार न केवल औद्योगिक केंद्र बनेगा. बल्कि एक आधुनिक इंडस्ट्रियल टाउनशिप के रूप में भी उभरेगा.
एयरपोर्ट की निकटता से उद्योगों को मिलेगा बड़ा फायदा
परियोजना का एक और खास पहलू यह है कि यह क्लस्टर महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट के बेहद नजदीक स्थापित किया जाएगा. इससे उद्योगों को:
- माल के आयात-निर्यात में आसानी
- निवेशकों को बेहतर कनेक्टिविटी
- ट्रांसपोर्टेशन की लागत में कमी
- और तेजी से विकास की संभावनाएं मिलेंगी.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि परियोजना से संबंधित सभी औपचारिक प्रक्रियाएं जल्द पूरी की जाएं. ताकि निर्माण कार्य समय पर शुरू किया जा सके.
जमीन का बंटवारा
हिसार में कुल 7200 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. इसमें से:
- 4212 एकड़ में एयरपोर्ट विकसित किया गया है.
- जबकि बाकी 2988 एकड़ भूमि पर इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित किया जाएगा.
यह रणनीतिक भूमि बंटवारा सरकार की सुनियोजित योजना को दर्शाता है. जिससे एयरपोर्ट और उद्योग दोनों को पर्याप्त जगह व संसाधन मिल सकें.
दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर से भी जुड़ेगा हरियाणा
हिसार के अलावा हरियाणा को दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) का भी फायदा मिलेगा. इसके अंतर्गत:
- नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) में 886 एकड़ में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है.
- इससे प्रदेश को दो प्रमुख इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का सीधा फायदा मिलेगा.
इस लॉजिस्टिक हब से उत्तर भारत के माल परिवहन में तेजी आएगी और कंपनियों को अंतरराज्यीय व्यापार में सहूलियत मिलेगी.
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एमओयू की तैयारी
हरियाणा सरकार और NICDC के बीच जल्द ही एक समझौता ज्ञापन (MoU) किया जाएगा. इस एमओयू के तहत:
- निवेशकों को एकल खिड़की व्यवस्था के तहत सभी सुविधाएं दी जाएंगी.
- विदेशी कंपनियों को भी आकर्षित करने की कोशिश की जाएगी.
- क्लस्टर में हर सेक्टर के उद्योगों को जगह मिलेगी – चाहे वो मैन्युफैक्चरिंग हो, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग या IT सेक्टर.
हरियाणा में 10 नए IMT
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि राज्य सरकार ने हरियाणा में 10 नए इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) स्थापित करने का संकल्प लिया है. इसका उद्देश्य है:
- राज्य को औद्योगिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना
- रोजगार के अवसर बढ़ाना
- और प्रदेश में इनोवेशन व टेक्नोलॉजी आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना